संस्था को बनाए हुए लगभग एक साल गुजर चुका है. इस दौरान संस्था के काम तो चलते रहे, लेकिन ब्लॉग को अपडेट करने की तरफ ध्यान ही नहीं गया. हां बीच बीच में ब्लॉग पर विजिट जरूर कर लेती थी. चूंकि ब्लॉग पर कई प्रमुख पर्यावरण संस्थाओं का संपर्क था, इसलिए ब्लॉग विजिट करने वालों की संख्या देखकर संतोष जरूर होता था. खैर, मतलब तो काम होने से था और वो हो रहा था. अब से कोशिश होगी कि जो काम हरे रहा है, उसके बारे में ब्लॉग पर भी सूचना दिया करूं
मैं मानती हूं कि पर्यावरण के लिए काम करना किसी व्यक्ति विशेश का काम नहीं। हम सभी इस वातावरण में रहते हैं, इसलिए हम सबका फर्ज है कि हम अपने वातावरण का ध्यान रखें.
-रीतू कलसी